आदमी का खून कुछ आदमी हैं पी रहे, हैवान हैं बने हुए और झूमकर हैं जी रहे, आदमी का रूप आदमी का खून कुछ आदमी हैं पी रहे, हैवान हैं बने हुए और झूमकर हैं जी रहे,...
मैं औरत हूं, बहन हूँ ,बेटी हूं, मां हूं,अभिमान हूं, अभिशाप नहीं। सिर्फ रोटियां सेंक मैं औरत हूं, बहन हूँ ,बेटी हूं, मां हूं,अभिमान हूं, अभिशाप नहीं। सिर...
जब भी कोई दुष्कर्म करे तो मुझको ग़लत बताते हो, क्या सिर्फ लिबास ही दिखता है, मां, बहन जब भी कोई दुष्कर्म करे तो मुझको ग़लत बताते हो, क्या सिर्फ लिबास ही दिखता है...
उन्हीं परीक्षाओं से हुई मैं घायल हूँ, मैं नारी हूँ, किसी की आंखों से धुला हुआ काजल हूँ उन्हीं परीक्षाओं से हुई मैं घायल हूँ, मैं नारी हूँ, किसी की आंखों से धुला हुआ...
यह फ़क्र नही यह फर्क है। यह फ़क्र नही यह फर्क है।
शब्द और मौन, दोनोंं ही जीवन में ज़रूरी हैं और दोनो ही जीवन का अभिन्न अंग हैं शब्द और मौन, दोनोंं ही जीवन में ज़रूरी हैं और दोनो ही जीवन का अभिन्न अंग हैं